First aid for Heatstroke: Factor, Symptoms & Prevention, हीटस्ट्रोक की चपेट में आ गए है तो उठाए यह कदम, जाने प्राथमिक चिकिस्ता की प्रक्रिया

Heatstroke: Recognize, React, & Respond- First Aid For Heatstroke (लू लगने पर क्या करे?):- गर्मी की चिलचिलाती धूप में लू के खतरों के प्रति सचेत रहना बेहद जरूरी है।  इस घातक गर्मी में हीट स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है।  हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जिसे अगर तुरंत पहचाना और संबोधित नहीं किया गया तो जीवन-घातक परिणाम हो सकते हैं। इस लेख का उद्देश्य आपको हीटस्ट्रोक के संकेतों की पहचान करने, तेजी से प्रतिक्रिया करने और अपनी और अपने आस-पास के लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के जानकारी उपलभ्द करात है।  हम इस लेख में आपको एक और अहम् जानकारी First aid for Heatstroke के बारे में भी बताएंगे। 

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जैसा कि हम जानते है , अभी गर्मी का मोसम चल रहा है। ऐसी स्थिति में लूह के द्वारा होने वाले हीटस्ट्रोक की समस्या सबसे आम है। दरअसल हीटस्ट्रोक बहुत ज्यादा गर्मी यह ज्यादा लंबे समय तक गर्म स्थान पर बैठने के कारण हो सकता है। आज हम हीटस्ट्रोक के लक्षणों और उससे संबंधित फर्स्ट एड के बारे में चर्चा करेंगे।

हीट स्ट्रोक क्या है? ।What is Heatstroke?

हीट स्ट्रोक उस स्थिति को कहते हैं जब शरीर का मुख्य तापमान 104°F (40°C) या इससे अधिक होता है। Heat stroke की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब आप लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहते हैं या गर्म वातावरण में शारीरिक परिश्रम करते हैं। इस स्थिति में के शरीर की आपके शरीर की अपने तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता कम या विफल हो जाती है।  Heat Exhaustion से विपरीत हीटस्ट्रोक (Heatstroke) , एक चिकित्सीय आपदा ( Medical Emergency) है, जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है। अगर वक्त अगर तुरंत इसका इलाज ना किया गया तो हीटस्ट्रोक घातक हो सकता है। यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है और इलाज न किए जाने पर अंग विफलता का कारण भी बन जाता है । उचित कार्यवाही करने और आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए हीटस्ट्रोक के संकेतों और लक्षणों का पहचान आवश्यक है। 

Heat Stroke किसी को भी हो सकता है चाहे उसकी उम्र या शारीरिक फिटनेस कुछ भी हो। हालांकि कुछ कारक हीटस्ट्रोक विकसित करने के जोखिम को बढ़ा देते हैं। इस गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक की समस्या बहुत सामान्य सी हो गई है। भारत में हीटस्ट्रोक के कारण कई लोग स्वास्थय हानि उठाते हैं। हीट स्ट्रोक पर  तुरंत काबू पाने एवं तुरंत इलाज करने के लिए जरूरी है कि आपको हीटस्ट्रोक से संबंधित फर्स्ट  एड  की आवश्यक जानकारी हो। ताकि आप तुरंत हीटस्ट्रोक की समस्या को रोक सके या इस पर काबू पा सके। तो आइए इस लेख में हम आगे हीटस्ट्रोक से संबंधित अन्य समस्याओं के बारे में विस्तार पूर्वक समझेंगे।  

हीट स्ट्रोक के लक्षण (Syptums Of Heat Stroke)

यह सवाल मुख्य तौर पर पूछा जाता है कि हीट स्ट्रोक के कैसा पहचाना जाए तथा उसके लक्षण क्या है। तो आइए, हम हेटस्ट्रोक के लक्षणों के बारे में आपको जानकारी दे। हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षण है:–

  • बुखार का आना 

  • मानसिक स्थिति के साथ व्यवहार में परिवर्तन

  • गर्म, शुष्क त्वचा या अत्यधिक पसीना आना

  • जी मचलना और उल्टी होना

  • पल्स का तेज होना

  • तेजी से सांस लेना

  • सिर दर्द 

  • उच्च शरीर का तापमान

  • बेहोशी का आना

  • दौरा

  • कौमा

अगर किसी व्यक्ति को गर्मी में लूह लगने के पश्चात ये लक्षण दिखे तो उसे हीट स्ट्रोक की समस्या है।

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क्या है हीट स्ट्रोक के कारक ? । Factor Of Heatstroke

हीट स्ट्रोक जोखिम की इस चर्चा मैं हमें इसके कारणों को जानना भी आवश्यक है ताकि आप उन चीजों से दूरी बनाए रखें। Heat stroke के कारण ऊँचे तापमान और गर्मी में लम्बे समय तक धूप में रहने से होता है, जिससे शरीर का पानी कम हो जाता है, शारीरिक श्रम, और संबंधित समस्याएं जिससे शरीर के तापमान का नियंत्रण हानि हो जाता है । इसके अलावा हीट स्ट्रोक के लिए कई कारक भी जिम्मेदार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं 

  • आयु:- हीटस्ट्रोक का मुख्य कारक अयूबी शिशु छोटे बच्चे और बड़े व्यस्त स्टोर के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं शिशु और छोटे बच्चों में थर्मल रेगुलेटरी सिस्टम विकसित होता है जिससे उनके लिए अपने शरीर को कुशल पूर्वक ठंडा करना कठिन हो जाता है और दूसरी तरफ व्यवस्था में अंतर नहीं स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं जो अत्यधिक तापमान से निपटने की उनकी क्षमता को खराब कर दी थी इस कारण उनमें हीटस्ट्रोक के जोखिम की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

  • पर्यावरणीय कारक:- दूसरा कारण पर्यावरण कारक हो सकता है यानी लंबे समय तक जब कोई व्यक्ति उच्च तापमान के संपर्क में रहता है । विशेषकर आदर परिस्थितियों में तो हीटस्ट्रोक जोखिम का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी तरफ, उच्च गर्मी उच्च तापमान में घंटों तक बिना ब्रेक और तरल पदार्थ लिए शारीरिक परिश्रम करना; जैसे–व्यायाम कार्य इत्यादि हीट स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा देता है।

  • पुरानी चिकित्सा स्थितियां:- हीट स्ट्रोक के जोखिम के लिए एक मुख्य कारक व्यक्ति की पुरानी चिकित्सा स्थितियां भी हो सकती है अगर किसी व्यक्ति को हृदय रोग फेफड़े की बीमारी मोटापा मधुमेह और उच्च रक्तचाप को उसके लिए हीटस्ट्रोक जोखिम के खतरे बढ़ जाते हैं शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और गर्मी के तनाव पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया की क्षमता को खराब कर देती है जिसके कारण व्यक्ति आसानी से हीटस्ट्रोक की चपेट मे आ सकता है।

  • दवाएं:- कुछ ऐसी दवाएं भी हैं जो हीटस्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देती हैं जैसे- मूत्रवर्धक, एंटीहिस्टामाइन, बीटा-ब्लॉकर्स और एंटीडिप्रेसेंट। यह सभी दवाइयां शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में पसीने को रोकने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं । जिससे हीटस्टोर का खतरा बढ़ जाता है।

  • शीतलन संसाधनों तक पहुंच का अभाव:- जिन व्यक्तियों के पास एयर कंडीशनिंग या अन्य शीतलन संसाधनों तक पहुंच नहीं है, उन्हें हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक होता है, खासकर लू के दौरान या अत्यधिक तापमान वाले क्षेत्रों में।

हीट स्ट्रोक से बचाव के कुछ उपाय । Tips to Prevent From heat stroke

गर्मी के मौसम में हीटस्ट्रोक (heatstroke) से बचने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:-

  1. हाइड्रेटेड रहें: दिन भर में अधिक से अधिक पानी पिएं। यह आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा और विशेष रूप से धूप में रहने पर आपको हीटस्ट्रोक से बचाएगा।

  2. छाया की तलाश करें या छतरियों का उपयोग करें:: धूप में लंबे समय तक रहने से बचें और जब भी बाहर निकलें, टोपी, धूप का छाता, या छाया में रहें।

  3. गरमी के अनुकूल कपड़े पहने: गरमी के मौसम में धूप से बचने के लिए लूस, धुले हुए और ब्रेथेबल कपड़े पहनें। धूप में धूप के कपड़े पहनने से आपको अधिक गर्मी महसूस नहीं होगी।

  4. सनस्क्रीन का प्रयोग करें: सबसे अच्छा है कि आप धूप में बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं। यह आपकी त्वचा को बुरे प्रभाव से बचाएगा और हीटस्ट्रोक के खतरे को कम करेगा।

  5. सुबह और शाम में ठंडे पानी से स्नान करें: दिनभर के गर्मी में ठंडे पानी से स्नान करना शरीर को शीतलता प्रदान करता है और आपको हीटस्ट्रोक से बचाता है।

  6. चरम गर्मी के घंटों के दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करें ।

  7. ऊर्जा की पूर्ति करें: गर्मी में ताजे फल, सब्जियां, और खासकर ठंडे आहार का सेवन करें। यह आपको ताजगी और ऊर्जा प्रदान करेगा और हीटस्ट्रोक से बचने में मदद करेगा।

  8. शरीर को ठंडा रखने के तरीके: धूप में बाहर रहने पर शरीर को ठंडा रखने के लिए घीस के पानी से रूमाल भिगोकर सिर पर रखें या पानी की बोतल से थोड़ा सा पानी चिढ़कर शरीर को सीनें पर लगाएं।

Note:- इन बचाव उपायों को अपनाकर आप हीटस्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हालाँकि, सावधानी बरतने के बावजूद, आपात्कालीन स्थितियाँ अभी भी उत्पन्न हो सकती हैं। अगले भाग में, हम चर्चा करेंगे कि हीटस्ट्रोक आपात स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया करें।

हीट स्ट्रोक के लिए फर्स्ट एड की प्रक्रिया (First Aid for Heatstroke)

Heat stroke पर तुरंत काबू पाना बहुत अहम है अन्यथा पीड़ित को अन्य बड़ी स्वस्थ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चिकित्सक सुविधा के पहुंचने से पहले बहुत वक्त बचता है, इस बीच प्राथमिक चिकित्सक सुविधा ( First Aid For Heatstroke) के जरिए, पीड़ित व्यक्ति की हीट स्ट्रोक जोखिम पर काबू पाया जा सकता है। प्राथमिक चिकित्सक में उठाए जाने वाले कदम निम्न है:–

  • चिकित्सक सहायता पहुंचने से पहले हिट्स रोग से पीड़ित व्यक्ति को ठंडा रखने का संपूर्ण प्रयास करें आपके इर्द-गिर्द जो भी साधन उपलब्ध हो उससे व्यक्ति को ठंडा करें। इसके लिए आप व्यक्ति को ठंडे पानी के सावर या टब में भी रख सकते हैं। व्यक्ति पर ठंडे पानी से स्पंज करें ठंडे पानी का स्प्रे करें छिड़काव करें करते हुए पंखा करें

  • यदि व्यक्ति हीट स्ट्रोक के बाद बेहोश हो जाता है और सामान्य रूप से उसकी सांसे चल रही होती है तो मस्तिष्क और महत्वपूर्ण अंग में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए उनके पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं । इससे उनके शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से चलेगा।

  • Hate stroke के तुरंत बाद व्यक्ति के विभिन्न संकेतों की निगरानी तथा गतिविधियों की जांच करें । जिसमें उनकी स्वास्थ्य ह्रदय गति और चेतना का स्तर शामिल है।

  • अगर व्यक्ति होश में है तो जल्द से जल्द उसे तरल पदार्थ में पिलाएं। जैसे, ठंडा पानी दे, इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर स्पोर्ट्स ड्रिंक दे, कैफीन रहित अन्य नॉन अल्कोहल ड्रिंक दे। यह उसके हीटस्ट्रोक की समस्या के रोकथाम में बेहतर उपाय सिद्ध होगा।

  • अगर  व्यक्ति अपनी चेतना खो देता है और सांस लेने,  खांसने और हिलने डुलने जैसे कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, तो जल्द से जल्द सीपीआर शुरू करें।


Disclaimer: याद रखें कि सुझाए गए उपचार पेशेवर चिकित्सक का विकल्प नहीं है अगर आपके कभी हीटस्ट्रोक का खतरा होता है, तो जल्द से जल्द चिकित्सक सलाह ले और हॉस्पिटल जाये। इसके बरक्स आप First Aid की सुविधा से इसके प्रभाव को काम कर सकते है।


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